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लेखनी कहानी -19-Jun-2022 मैं सुशासन कुमार हूं

बिहार की बरबादी का मैं ही जिम्मेदार हूं 
मुझे गौर से देखिए , मैं सुशासन कुमार हूं 
आजकल की हिंसा का मैं ही कसूरवार हूं 
अब तो पहचानो , मैं "सुशासन कुमार" हूं 

समाजवाद के नाम पर जाति की राजनीति की 
धर्मनिरपेक्षता के नाम पे तुष्टीकरण की बात की 
सुविधा की राजनीति का मैं सरमायेदार हूं 
मुझे गौर से देखिए , मैं सुशासन कुमार हूं 

"सौदेबाजी" का मैं बादशाह, मेरे जैसा कौन 
मतलब हो तो ही मुंह खोलूं बाकी साधूं मौन 
सत्ता की खातिर आग लगाने को तैयार हूं 
मुझे गौर से देखिए , मैं सुशासन कुमार हूं 

मेरे बड़े भैया "लालू" जी, उनसे शिक्षा पाई 
उनके संग बैठकर खाई, सत्ता रूपी मलाई 
कोई सगा नहीं है मेरा मैं तो पलटीमार हूं 
मुझे गौर से देखिए , मैं सुशासन कुमार हूं 
आजकल की हिंसा का मैं ही कसूरवार हूं 
अब तो पहचानो , मैं "सुशासन कुमार" हूं 

हरिशंकर गोयल "हरि" 
19.6.22 


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2 Comments

Seema Priyadarshini sahay

22-Jun-2022 11:47 AM

बेहतरीन

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Pallavi

19-Jun-2022 03:47 PM

Very nice

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